पटियाला में शुक्रवार को जुलूस निकालने पर बवाल हो गया। शिवसैनिक और खालिस्तानी समर्थक सिख संगठन आमने सामने हो गए। इस दौरान दोनों तरफ से जमकर पत्थर चले। पुलिस ने दोनों पक्षों को रोकने के लिए फायरिंग की। वहीं तलवार लगने से एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।
पटियाला में शिवसेना बाल ठाकरे के खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च के विरोध में कुछ गर्म ख्याली सिख युवकों ने भी मार्च निकाला जिसमें उन्होंने शिव सैनिकों को बंदर सेना नाम देते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि वह शिवसैनिकों के इस मार्च का डटकर विरोध करेंगे।
पंजाब के पटियाला में जुलूस निकालने पर दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस दौरान पुलिस पर भी पथराव हुआ. मिली जानकारी के अनुसार शिवसेना के मार्च को लेकर तनाव हुआ था. जुलूस में खलिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए. इस घटना में पुलिस के कई जवान घायल हुए हैं.
शिवसैनिक खलिस्तान समर्थकों के बीच झड़प
जानकारी के मुताबिक, शिवसैनिक खलिस्तान के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे. तभी खलिस्तान समर्थकों ने इस मार्च का विरोध किया. देखते-देखते दोनों गुटों के बीच हिंसक झड़प होने लगी. कुछ खलिस्तानी समर्थक लंगर भवन पर चढ़कर पत्थरबाजी करने लगे.
हालांकि मौके पर मौजूद भारी पुलिस फोर्स ने समझा-बुझाकर दोनों पक्षों को शांत कर दिया। लेकिन इसके बावजूद खालिस्तानी समर्थक श्री काली माता मंदिर के अंदर तलवारें लेकर पहुंच गए। इस दौरान हिंदू नेताओं व खालिस्तानी समर्थकों के बीच खूब ईंट-पत्थर चले। एक हिंदू नेता पर तेजधार हथियार के साथ हमला भी हुआ। गर्म ख्यालियों को रोकते वक्त एसएचओ कर्णवीर सिंह के हाथ पर तलवार भी लगी। एसएसपी डा. नानक सिंह ने स्थिति पर काबू पाने के लिए इस दौरान कईं राउंड फायर भी किए। गौरतलब है कि कुछ वेब चैनल एसएचओ का हाथ काटे जाने की खबर चला रहे हैं। जिसे डीसी साक्षी साहनी ने निराधार बताया है।

खालिस्तान का पुतला जलाने पर हुआ विवाद
यहां शिवसेना ने खालिस्तान के खिलाफ पुतला फूंक प्रदर्शन की तैयारी की थी। इसका पता चलते ही खालिस्तान समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया। वहां पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और वापस भेज दिया। हालांकि सिख संगठनों के सदस्य काली माता मंदिर में तलवारें लेकर पहुंच गए। यहां दोनों पक्षों के बीच जमकर ईंट-पत्थर चले।
