केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी को एक बार फिर राहत देने की तैयारी में है. पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत (Petrol Diesel Price) को कम करने के लिए सरकार नया प्लान तैयार कर रही है.
केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी को एक बार फिर राहत देने की तैयारी में है. पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत (Petrol Diesel Price) को कम करने के लिए सरकार नया प्लान तैयार कर रही है. बता दें कि दुनियाभर में कच्चे तेल (Crude Oil) की आसमान छूती कीमतों से कई देश अपने स्तर पर इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं. भारत भी कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तर्ज पर अपने रणनीतिक तेल भंडार (Oil Reserve) से कच्चे तेल निकालने की संभावनाओं पर गौर कर रहा है.
बता दें कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच मोदी सरकार ने दिवाली के मौके पर आम लोगों को बड़ी राहत दी थी. तब सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी (Excise duty on Petrol-Diesel) में कटौती की है.
सरकार का है 50 लाख बैरल तेल की निकासी का प्लान
भारत कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाकर अपने रणनीतिक तेल भंडार से 50 लाख बैरल तेल की निकासी की योजना बना रहा है.
भारत में है रणनीतिक तेल भंडार
गौरतलब है कि पूरी दुनिया फ्यूल की बढ़ती महंगाई से बेहाल है. इस बीच भारत ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जारी तेजी के बीच अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर अपने आपातकालीन तेल भंडार से निकासी की योजना बनाई है. भारत के पश्चिमी एवं पूर्वी दोनों तटों पर रणनीतिक तेल भंडार स्थित हैं. इनकी कुल भंडारण क्षमता करीब 3.8 करोड़ बैरल है. अगर सरकार इस पर विचार करती है तो पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सकता है.
जानिए कैसे घटेंगी कीमतें?
भारत ही नहीं, दुनिया भर के देशों में फ्यूल की कीमतों को कम करने पर विचार किया जा रहा है. भारत के अलावा International Energy Agency (IEA) के 29 सदस्य देशों के पास स्ट्रैटजिक तेल भंडार है. इनमें अमेरिका ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. वहीं, चीन और अमेरिका के बाद जापान के पास सबसे बड़ा इमरजेंसी तेल भंडार है. चीन आईईए का एसोसिएट मेंबर है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है.