एडिटर इन चीफ / ब्यूरो चीफ / दीपक सलवान
पंजाब में सिखों के बाद हिंदू सबसे बड़ा वोट बैंक हैं लेकिन कांग्रेस पर आरोप लगते आए हैं कि पार्टी में हिंदुओं की लगातार उपेक्षा की जाती रही है। राज्य की 39 प्रतिशत आबादी हिंदू वर्ग से संबंधित है, 117 विधानसभा हलकों में से 65 के करीब शहरी हलकों में हिंदू बड़ी संख्या में हैं। राज्य में 1 करोड़ से ज्यादा आबादी होने के बावजूद कांग्रेस में हिंदुओं को उनके बनते हक के अनुसार तवज्जो नहीं मिल रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ हिंदू नेताओं का मानना है कि कैप्टन सरकार के पिछले साढ़े 4 वर्षों से उनकी अनदेखी पार्टी के लिए घातक साबित हो सकती है।
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी (BJP) ने अभी से तैयारी तेज कर दी है. बीजेपी इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी हिंदू चेहरे को सामने ला सकती है. पंजाब के वोट बैंक में हिंदुओं का एक बड़ा हिस्सा है लेकिन 55 सालों में कभी भी किसी हिंदू को राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है. इस संबंध में कई बार हिंदूवादी संगठनों ने भी आवाज उठाई है. यही कारण है कि कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने और शिरोमणि अकाली दल व बीएसपी के गठबंधन का तोड़ निकालने के लिए बीजेपी अब हिंदू चेहरे पर फोकस कर रही है. हालांकि जातिगत समीकरण को देखते हुए आगे जो भी निर्णय लिया जाएगा वह पार्टी आलाकमान की बैठक के बाद ही तय होगा.
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हिंदुवादी संगठनों ने एक बार फिर किसी हिंदू चेहरे को मुख्यमंत्री प्रत्याशी के रूप में घोषित करने की मांग की है. इस संबंध में हिंदूवादी संगठनों का एक शिष्टमंडल भाजपा सांसद और पंजाब मामलों के प्रभारी दुष्यंत गौतम से मुलाकात कर चुका है. पंजाब में जातीगत समीकरण को देखें तो हिंदू की जनसंख्या दूसरे नंबर पर है. वोट प्रतिशत के हिसाब से पंजाब में सिख जनसंख्या 58 प्रतिशत जबकि हिंदू जनसंख्या 40 प्रतिशत है.
पंजाब में हर बार के चुनावों में सिख चेहरे को ही वरीयता दी जाती रही है. हिंदूवादी संगठनों की मांग और जातिगत समीकरण को देखते हुए बीजेपी नेताओं ने इस बार के विधानसभा चुनावों में हिंदू चेहरे के साथ उतरने की तैयारी शुरू कर दी है. कुछ नेताओं ने बताया कि दलित चेहरा भी हिंदू से ही आता है. ऐसे में अगर बीजेपी इस ओर कोई फैसला करती है तो इसका असर अकाली और बीएसपी गठबंधन पर पड़ना तय है.
1966 से अब तक कोई हिंदू नहीं बना पंजाब का सीएम
पंजाब में सिख जनसंख्या के बाद सबसे ज्यादा हिंदू जनसंख्या है. पंजाब के चुनावों में हिंदू जनसंख्या का 40 प्रतिशत वोट बैंक है. इसके बावजूद 1966 से अब तक कभी भी किसी हिंदू को पंजाब का मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है. पंजाब के हिंदू नेता जय भगवान गोयल ने कहा, बीजेपी यदि इस पर सकारात्मक फैसला करती है तो पंजाब में हम सभी एक नया इतिहास लिखने को तैयार हैं.
भाजपा : हरियाणा मॉडल के ‘ट्रैप’ में फंसे दल
पंजाब में भाजपा के हरियाणा मॉडल की चर्चा अक्सर होती है जहां जाटों के दबदबे के बावजूद पार्टी ने नॉन जाट समुदाय से आने वाले मनोहर लाल खट्टर को सीएम बनाकर वोटों का ध्रुवीकरण किया। पंजाब की दोनों प्रमुख पार्टियों-अकाली दल और कांग्रेस- ने कभी दलितों या हिंदुओं को सियासत में तरजीह नहीं दी। इसी बात को समझते हुए और प्रदेश में 39% दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा ने अकालियों के अलग होते ही दलित CM बनाने का दांव खेल दिया। उसके बाद बाकी पार्टियां भाजपा के इस दांव को काउंटर करने में जुट गईं।