मौजूदा लाकडाउन की स्थिति में अन्य व्यापारी वर्ग के साथ ही सबसे ज्यादा खामियाजा सोने/चांदी का कारोबार करने वाले स्वर्णकार व्यवसाय को भुगतना पड़ रहा है। एक समय अर्श पर रहने वाला यह व्यवसाय अब फर्श पर आ गिरा है।
अगर आगे भी यही हालात रहे तो कारोबार पूरी तरह ठप्प हो जाएगा। जिसे पुन: पटरी पर लाना अत्यंत मुश्किल हो जाएगा। यह बात व्यापार मंडल पठानकेट के अध्यक्ष अमित नैयर ने पठानकोट सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मपाल पप्पू व उनकी टीम के साथ स्वर्णकारों की समस्याओं को सुनने के बाद कही।
इस दौरान उनके साथ व्यापार मंडल महासचिव अरुण गुप्ता, सीनियर उपाध्यक्ष इंचार्ज राजेश पुरी, प्रोजेक्ट चेयरमैन विपन वर्मा भी उपस्थित रहे। इस दौरान स्वर्णकारों ने संयुक्त रूप में बताया कि अक्षय तृतीया के मौके पर देशभर में स्वर्ण आभूषणों का कारोबार लगभग न के बराबर हुआ है।
अध्यक्ष अमित नैयर ने कहा कि हर कारोबारी को उसके कारोबार के हिसाब से आने वाले पर्वों पर नजर टिकी रहती है तथा वर्ष में एक बार ही वह इस दौरान अपना कारोबार कर पाता है परन्तु अब अक्ष्य तृतिया के दिन कोई भी स्वर्णकार कारोबारी एक रूपए का भी कारोबार नहीं कर सका। सर्राफा एसोसिएशन अध्यक्ष धर्मपाल पप्पू और विपिन वर्मा ने कहा कि 2019 में देश में अक्षय तृतीया पर सोने और चांदी का लगभग 5000 करोड़ का व्यापार हुआ था, वहीं 2020 में अक्षय तृतीया पर लॉकडाउन में महज 980 करोड रुपए के सोने का व्यापार हुआ, मगर इस बार में लॉकडाउन से वह नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि 2019 के मुकाबले अब 40 प्रतिशत सोने की कीमतें बढ़ गई है जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने केन्द्र सरकार से पुरजोर मांग की कि इस व्यापार के प्रति ठोस कदम उठाए जाएं ताकि इस व्यापार को बेहतर तरीके से चलाया जा सके और बचाया जा सकें।