जीवन में स्थिरता, सहजता और सरलता लाने के लिए परमात्मा के साथ नाता जोड़े’। यह विचार सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने मानवता को प्रेरित करते हुए तीन दिवसीय 73वें वर्चुअल वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन दिवस पर अपने प्रवचनों में व्यक्त किए। इस समागम का संत निरंकारी मिशन की वेबसाईट एवं संस्कार टी.वी चैनल पर विश्व में फैले लाखों श्रद्धालु भक्तों द्वारा आनंद प्राप्त किया गया।
सद्गुुरु माता सुदीक्षा जी ने कहा कि जीवन के हर पहलू में स्थिरता की आवश्यकता है। परमात्मा स्थिर, शाश्वत एवं एक रस है। जब हम अपना मन इसके साथ जोड़ देते हैं तो मन में भी ठहराव आ जाता है।
जिससे हमारी विवेकपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है और जीवन के हर उतार-चढ़ाव का सामना हम उचित तरीके से कर पाते हैं। इसी प्रकार हमारी जड़ें, हमारा आधार, हमारी नींव इस परमात्मा के साथ जुड़ी रहें और हम इसके साथ इकमिक हो जाएं तब किसी भी परिस्थिति के आने से हम विचलित नहीं होते।
इससे पहले आयोजित रंगारंग सेवादल रैली जिसमें देश-विदेश के सेवादल भाई-बहनों द्वारा प्रार्थना, शारीरिक व्यायाम, खेल-कूद तथा विभिन्न भाषाओं के माध्यम द्वारा मिशन की मूल शिक्षाओं को दर्शाया गया।
सेवादार-‘मानवता है धर्म हमारा, हम केवल इन्सान है’ के भाव को अपनाते हंै और वह सेवा को अपना सौभाग्य मानते हुए उसे विनम्रतापूर्वक करते हैं और उसे किसी पर एहसान नही समझते।