मंगलवार को पंजाब के 16 जिलों में 319 स्थान पर काली जली जबकि हरियाणा के 11 जिले 80 स्थान पर हैं। यानी पंजाब में हरियाणा के मुकाबले 4 गुना ज्यादा पराली जली। पठानकोट सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। रात को यहां एक्यूआई 356 और पीएम -10 की मात्रा 360 तक दर्ज की गई। दूसरे नंबर पर गुरदासपुर रहा। यहां एक्यूआई 206 और पीएम -10 की मात्रा 203 तक दर्ज की गई।
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी), पंजाब के प्रमुख एसीएम अनिल सूद ने बताया कि पिछले साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 755 घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2018 में यह आंकड़ा 510 का था, जो इस साल 2,873 हो गया है
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर (पीआरएससी), लुधियाना के प्रमुख एसीएम अनिल सूद ने बताया कि पिछले साल 21 सितंबर से 12 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 755 घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2018 में यह आंकड़ा 510 का था, जो इस साल बढ़कर 2,873 हो गया।
यानी पिछले साल से चार गुना ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। इससे हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली में मंगलवार काे पीएम10 का स्तर 265 व पीएम 2.5 का स्तर 129 पर दर्ज किया गया। पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा सबसे अधिक रही।