पंजाब में कृषि बिलों को लेकर लगातार किसानों का विरोध जारी है। वहीं मोगा में राहुल गांधी द्वारा आज किसानों की रैली में हिस्सा लिया जा रहा है। वहीं आज मोगा में नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार से कई सवाल उठाए और पूछा कि वो किसानों के लिए क्या कर रही है।
नवजोत सिद्धू ने हिमाचल सरकार की मिसाल देते हुए कहा कि अगर हिमाचल सरकार किसानों को सेबों पर एमएसपी दे सकती है तो फिर पंजाब सरकार क्यों नहीं। दालों को बाहरी राज्यों से मंगवाया जाता है, अगर अपने ही किसान पंजाब मे दालों की खेती करें और उसमें से तेल निकालें तो किसानों को भी लाभ होगा और उसका सिधा फायदा किसानों को ही जाएगा। उन्होने पंजाब सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकारें पीठी दिखाने के लिए नहीं होती है और राज्यों के पास अधिकार होता है कि वो अपना अलग से कानून बनाकर उसे अपने राज्य में लागू करें और कानून का सहारा लेकर इस काले कानून को न मानें।
उन्होनें कहा कि इस कानून के खिलाफ राष्ट्रपति के पास भी जाएं, अगर वो फिर भी इस बिल को रद्द नहीं करते तो राज्य अपने स्तर पर नए कानून बनाकर अपने राज्य को इस जंजाल से बचा सकते हैं। सरकारें दिखावे के लिए नहीं होती। आज हम जो काते हैं, वहीं यहां उगाते हैं। सरकार आटा-दाल स्कीम के लिए बाहरी राज्यों से दालें मंगवाते हैं, हम यहीं पर सबकुछ उगाएं ताकि हम अपने पैरों पर खुद खड़ें हों। किसान यूनियन कॉपरेट नाएं और एकजुट हों तो हम एकसाथ अपने दाम पर फसल बेच सकते हैं। पंजाब एकता किसान एकता का नारा लगाते हुए सिद्दू ने कहा कि मैं पहले ही इस बात का सुझाव मीटिंग में दे चुका हूं।
हिमाचल सरकार अगर सेब पर एमएसपी दे सकती है तो पंजाब सरकार को भी फसल पर खुद न्यूनतम समर्थन मूल्य देना होगा। एमएसपी सबसे पहले कांग्रेस ने दी थी। खाद्य सुरक्षा कांग्रेस ने दी है, तो पंजाब सरकार खुद एमएसपी दे और भंडारण की क्षमता दे। सिद्धू ने इस दौरान राहुल गांधी, सुनील जाखड़, पंजाब प्रभारी हरीश रावत का धन्यवाद किया।
ये बोले नवजोत सिंह सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं। किसानों के खिलाफ कोई भी कदम कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इससे 30 हजार आढ़ती, 5 लाख मजदूर बर्बाद हो जाएंगे। नवजोत सिंह सिद्धू ने मंच से कहा कि अगर कानून वापस नहीं लेते तो हम क्या करेंगे। यह हमें शंभू सीमा से आगे नहीं जाने देते हैं। सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस पर भी निशाना साधा। सिद्धू ने कहा कि जब हिमाचल की सरकार सेब पर एमएसपी दे सकती है तो पंजाब सरकार अपनी एमएसपी क्यों नहीं दे सकती है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार सैकड़ों करोड़ रुपए की दाल और तिलहन को इम्पोर्ट करती है। किसान उसे क्यों नहीं उपजा सकता। मंच से सिद्धू ने कहा कि सबसे पहले राहुल, फिर जाखड़ और हरीश रावत के बाद कैप्टन का नाम लिया। सिद्धू ने इस बात पर जोर दिया कि हमें स्वाबलंबी बनना पड़ेगा। सिद्धू जब बोल रहे थे तो कांग्रेस थोड़ी असहज हो गई। इस पर हरीश रावत अपनी सीट से उठ चुके थे। बाद में सिद्धू ने अपना भाषण खत्म किया, तब रावत अपनी सीट पर बैठे।
दरबार-ए-वतन में जब इक दिन सब जाने वाले जाएंगे
कुछ अपनी सज़ा को पहुंचेंगे, कुछ अपनी जज़ा ले जाएंगे
ऐ ख़ाक-नशीनो उठ बैठो वो वक़्त क़रीब आ पहुंचा है
जब दिल्ली के तख़्त गिराए जाएंगे, जब ताज उछाले जाएंगे