पंजाब में कोरोना के फिर से बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सरकार की ओर से स्कूलों को बंद करवा दिया गया। जिसके पश्चात जहां प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों एवं अभिभावकों की ओर से इन स्कूलों को खोलने की मांग की जा रही थी लेकिन उसके बावजूद सरकार की नई हिदायतों के मुताबिक 10 अप्रैल तक आगे भी स्कूलों के बंद रहने के जारी आदेशों के बाद आज पंजाब भर में प्राइवेट स्कूलों की ओर से इसके विरोध में धरने दिए गए और जिले के डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपकर पंजाब सरकार से मांग की गई कि बच्चों की प्रभावित हो रही शिक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को जल्द खोलने के आदेश जारी किए जाएं।
आज पठानकोट में भी प्राइवेट स्कूलों की ओर से गठित की गई एसोसिएशन द्वारा डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया तथा उनसे मांग की गई कि सरकार द्वारा स्कूलों को जल्दी खोला जाए। इस दौरान एसोसिएशन ने कहा कि कोरोना काल के दौरान सरकार द्वारा जारी आदेशों की पूरी पालना करते हुए स्कूलों को बंद रखा गया और बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा को जारी रखा गया लेकिन अब जब सारे बाजार और सारी आवाजाही खुल चुकी है तो स्कूलों को ही क्यों बंद रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब ऑनलाइन शिक्षा से बच्चों की पढ़ाई अच्छी तरीके से नहीं हो पा रही है और उनकी रुचि भी ऑनलाइन शिक्षा में कम होती जा रही है इसलिए उनका स्कूलों में आकर अपनी कक्षाओं में पढ़ना अति जरूरी है क्योंकि अपनी कक्षाओं में आकर वह अध्यापकों से अपनी शिक्षा संबंधी कई समस्याओं के बारे में आमने सामने बात कर सकते हैं। प्राइवेट स्कूलों की एसोसिएशन ने डिप्टी कमिश्नर पठानकोट से मांग करते हुए कहा कि पंजाब सरकार तक उनकी मांग पहुंचाई जाए कि प्राइवेट स्कूलों को जल्द खोला जाए क्योंकि स्कूल प्रबंधकों के साथ-साथ बच्चों के अभिभावक भी यही चाहते हैं।
इस पर डिप्टी कमिश्नर पठानकोट ने कहा कि आज प्राइवेट स्कूलों की एसोसिएशन द्वारा उनके समक्ष जो मांग रखी गई है। वह उसे सरकार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते हुए केसों को देखते हुए ही सरकार द्वारा पाबंदियां लगाई जाती हैं तथा आगे कोरोना के मामलों के कम होने पर यह पाबंदियां हटा दी जाएंगी क्योंकि सरकार भी यही चाहती है कि इस महामारी से जल्द सब को निजात मिले और बच्चे भी अपने स्कूलों में आकर अपनी शिक्षा हासिल कर सकें। इस अवसर पर विभिन्न प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक एवं प्रिंसिपल मौजूद थे।