पुलिस ने इंस्टीट्यूट के संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कर शुरू की कार्रवाई
शहर के रामलीला ग्राउंड के पास के एक निजी रीजनल कॉलेज में जाली मार्कशीट की बंदरबाट का फर्जीवाड़ा सामने आया है। जहां पर विद्यार्थियों से 30 से 40 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर फीस लेकर उन्हें बीएससी, आईटी और बीसीए समेत ग्रेजुएशन की जाली मार्कशीटें थमा दी गईं। विद्यार्थियों द्वारा डाली आरटीआई से मार्कशीट में दर्ज रोल नंबर का रिकॉर्ड न मिलने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। सैकड़ों विद्यार्थियों से मोटे पैसे लेकर जाली डिग्री जारी की गई हैं, जबकि यूनिवर्सिटी में उसका रिकॉर्ड ही नहीं था। इंस्टीट्यूट संचालक देश की विभिन्न यूनिवर्सिटी के नाम पर साल 2007 से लेकर 2019 तक जाली डिग्री का खेल खेलते रहे। 7 विद्यार्थियों की शिकायत पर पुलिस ने इंस्टीट्यूट के दोनों संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस की एफआईआर के अनुसार जांच में सामने आया है कि पुलिस को विद्यार्थियों ने एक बार शिकायत की तो उन्हें नए सिरे से मार्कशीट मंगवाने का झांसा दिया और फिर विद्यार्थियों के साइन करवाए बिना ही नए रोल नंबर पर नई मार्कशीट दे दी। नए रोल नंबर से जारी मार्कशीट का यूनिवर्सिटी से दोबारा रिकॉर्ड मांगने पर जाली निकलीं। वहीं, शिकायतकर्ता विद्यार्थियों का कहना है कि यदि पुलिस गहनता से जांच करे तो इसमें और भी कई मामले सामने आएंगे। वहीं, पुलिस का कहना है कि इंस्टीट्यूट के फरार आरोपी संचालकों को पकड़ने के लिए रेड की जा रही है। जल्द आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा। पठानकोट के न्यू शास्त्री नगर निवासी दीपक ने शिकायत में बताया कि प्लस-टू के बाद जनवरी 2007 में आईसेक्ट में बीएससी आईटी में दाखिला लिया था। उसकी एडमिशन ओपन यूनिवर्सिटी में की गई तथा समेस्टर की फीस तय की गई। पहले समेस्टर का रोल नंबर न आने पर उन्हें दूसरे सेमेस्टर के पेपरों के साथ पहले सेमेस्टर के पेपर करा एक साथ रिजल्ट देने का भरोसा दिया। रिजल्ट आने पर दूसरे सेमेस्टर का मार्कशीट में पहले सेमेस्टर का रिजल्ट नहीं आया। न ही उसे कोई मार्कशीट मिली। इंस्टीट्यूट संचालक ने यूनिवर्सिटी में बात कर पहले सेमेस्टर का रिजल्ट मंगवाने का भरोसा दिया। दीपक की तीन साल की बीएससी कंपलीट होने के बाद भी पहले समेस्टर का रिजल्ट और मार्कशीट नहीं मिली। बाकी दूसरे से छठे सेमेस्टर तक की मार्कशीट दे दी। शक होने पर पांचों सेमेस्टर की मार्कशीट और रोल नंबर के मुताबिक बीएससी आईटी की डिग्री की वैरीफिकेशन के लिए यूनिवर्सिटी में आरटीआई से जानकारी मांगने पर मार्कशीट के रोल नंबरों का रिकॉर्ड नहीं मिला है। पुलिस में शिकायत देने पर उसे दोबारा नए रोल नंबर से मार्कशीट दे दी गई और आरटीआई मांगने पर यूनिवर्सिटी रिकॉर्ड में मार्कशीट जाली निकली केस की जांच के बाद पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया है।